Saturday, 20 February 2016

उदासियों की वजह तो बहुत है ज़िन्दगी में
पर बेवजह खुश रहने का मज़ा ही कुछ और है।"
बदलते दौर में
कत्ल के तरीके भी बदले हैं
आजकल खंजर से
जान कौन लेता है
अब तो
चुप रहकर भी
जान ली जाती है....!
शिकायत रब से करता हूँ की तुम मिलते नहीं मुझको, मगर खुद को तेरे काबिल बनाना रोज भूल जाता हूँ।
नहीं मिलेगा वो मंदिर की घंटियों में , न ही छुपा है तीर्थ - स्थानों में 
हृदय में तराशो मूरत उसकी या मिलेगा वो इंसानों में 
पिता वो है जो आपको गिरने से पहले थाम लेता है,
लेकिन आपको ऊपर उठाने की बजाय आपके कपडे झाड़ता है
और आपको फिर से कोशिश करने के लिए कहता है !
Selfie लेने वालो के हाथ कानून से भी लंबे होते है
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.चाणक्य ने रफ कॉपी में लिखा था....
😜😜😂😂
""यहां मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता है,
कईं झूठे इकठ्ठे हो जायें तो सच्चा टूट जाता है...""