Wednesday, 27 April 2016

सिर्फ सांसें चलते रहने को ही ज़िंदगी नहीं कहते..
आँखों में कुछ ख़्वाब और दिल में...उम्मीदें होना भी ज़रूरी हैं !!
मुझे आजमाने वाले शख्स तेरा शुक्रिया..
मेरी काबिलियत निखरी है तेरे हर आजमाइश के बाद..
कोई भी इन्सान उसी व्यक्ति की बातें चुपचाप सुनता है....
जिसे खो देने का डर उसे सबसे ज्यादा होता है...

Tuesday, 26 April 2016

ये मेरा टूटना और बिखरना इत्तेफाकन नहीँ है…!! एक शख्स ने इसके लिये मेहनत बहुत की है

उसकी धाक सैकड़ों पे थी , गिनती भी उसकी शहर के बड़े-बड़ों में थी.. दफन…वो केवल छ: फिट के गड्ढे में हुआ , जबकि जमीन उसके नाम तो कई एकड़ों में थी

माला की तारीफ तो करते है सब, क्योंकि मोती सबको दिखाई देते है... काबिले तारीफ धागा है जनाब, जिसने सबको जोड़ रखा है....

"बेवाफायों की इस दुनियां में संभलकर चलना मेरे दोस्तों; यहाँ बर्बाद करने के लिए, मुहब्बत का भी सहारा लेते हैं लोग!"