Thursday, 31 December 2015

happy new year all, 

Tuesday, 29 December 2015


Alfaj mein nami bnaye rakhiye yaaro,
bhujaye nhi bhujti aag lagi jo galatfemiyo ki,

भीम दोहे

भीम दोहे
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नीच समझ जिस भीम को, देते सब दुत्कार ।
कलम उठाकर हाथ में, कर गये देश सुधार ।।
जांत-पांत के भेद की, तोड़ी हर दीवार ।
बहुजन हित में भीम ने, वार दिया परिवार ।।
पानी-मंदिर दूर थे, मुश्किल कलम-किताब ।
दांव लगा जब भीम का, कर दिया सब हिसाब ।।
ऊँचेपन की होड़ में,
नीचे झुका पहाड़ ।
कदम पड़े जब भीम के,
हो गया शुद्ध महाड़ ।।
पारस ढूँढें भीम को,
आँख बहाये नीर ।
पढे-लिखे हैं सैंकड़ों,
नही भीम सा वीर ।।
दिल में सब जिंदा रखे, बुद्ध, फुले व कबीर ।
छोड़ वेद-पुराण सभी, भीम हुए बलवीर ।।
झूठ और पाखंड की, सहमी हर दुकान ।
भेदभाव से जो परे,
रच दिया संविधान ।।
रोटी-कपड़ा-मकां का, दिया हमें अधिकार ।
पूज रहे तुम देवता,
भूल गये उपकार ।।
भेदभाव का विष दिया, सबने कहा अछूत ।
जग सारा ये मानता,
था वो सच्चा सपूत ।।
भीम तब दिन-रात जगे, दिया मान-सम्मान ।
लाज रखो अब मिशन की,अर्पित कर दो जान।।
जय भीम

Saturday, 26 December 2015

Pta chala kyun har din khushal hota tha, 
jab teri god mein tera lal sota tha,
ab es kadar kyun umr bad gai meri,
 na sone ki teri god mili na ankhoo ko sukoon mila

Sunday, 20 December 2015

jab se gujara hu mein, dhoke ki andhiyo ke bich se..
ik nazar mein dekh sakta hu, kon hai apne karib se.......

ye dhool ankho ki sukun k jaise hai, 
ab bachne laga hu unse jo nasur bane bethe the ankho mein mere..........

mks 
इतना कड़वा मत
बनो कि लोग थूक दें,
पर इतना भी मीठा मत
बनो कि लोग निगल जाएं...!!