Thursday, 10 September 2015

गुमसुम हैं अँखियाँ, खोई हैं बतियाँ,
राह में तारे, सँजोये हैं रतियाँ,
जगमग है, रौशन है, ख़्वाब हमारे,
एक तुम आ जाओ तो, जी लूँ मैं सारे !
सागर की लहरों में, पानी तड़पता है,
पर्वत के झरने से, दिन रात बहता है,
आँखों का पानी ये, मोती तुम्हारे,
एक तुम आ जाओ तो, जी लूँ मैं सारे !
एक अनसुनी सी, ये घाटी है कहती,
चंचल सी इसमें, मयूरी है रहती,
सिली सी चादर है, पलकें बिसारे,
एक तुम आ जाओ तो, जी लूँ मैं सारे !
मेघा सुलघती, कोयल सी कहती,
कूके सुरीली, विरही सुबकती,
प्यारा सा बंधन है, बाहें पसारे,
एक तुम आ जाओ तो, जी लूँ मैं सारे ! 

ritesham shastri
ओ मेरे मेघा !
ओ मेरे मेघा !
जा कर मेरे दिल से कहना,
मैं भी हूँ भीगा यहाँ,
तुम भी भीगे से रहना !!
पलकों पे बूंदें बरसती हैं जैसे,
मन में तेरा ख्वाब बुनती है ऐसे,
कुछ अनकही सी मेरी कहानी,
आहिस्ता से उनको कहना,
मैं भी हूँ भीगा यहाँ,
तुम भी भीगे से रहना !!
रिमझिम फुहारें, करें क्या इशारे,
हमदम बने हो तुम यूँ हमारे,
कुछ ग़म बरसते, कुछ हम तरसते,
अकेले कोई दर्द न सहना !
मैं भी हूँ भीगा यहाँ,
तुम भी भीगे से रहना !!
देखो ये नदिया, पवन ये फिज़ाएँ,
बातें तुम्हारी करती ही जाएँ,
कहती है, तुम भी, तन्हा वहाँ हो,
कुछ दूरियाँ अब है सहना !
मैं भी हूँ भीगा यहाँ,
तुम भी भीगे से रहना !!
आँसू तुम्हारे विरह के मारे,
आँसू तुम्हारे हुए अब हमारे,
दिल की जुबानी, तड़पती कहानी,
मेघा मेरे दिल से कहना !
मैं भी हूँ भीगा यहाँ,
तुम भी भीगे से रहना !!
                                                                  ritesham shastri(rapid code pvt ltd)
चलो फिर शुरू करते हैं, ज़िंदगी का सफर,
वही तन्हा डगर,
(दृश्य १- अधूरापन )
पर ये अब पहले सी बेखबर न होगी,
यहाँ कुछ कर दिखने की फिक्र न होगी,
अब बस आंखे नम सी होंगी,
दम घुटा सा, सांस उलझी सी,
नींदें खाली सी, रातें काली सी,
दर-ब-दर जिंदगी का सफर |
(दृश्य १- ज़िंदादिली )
चलो फिर शुरू करते हैं, ज़िंदगी का सफर,
वही तन्हा डगर,
एक नया दिन, और नया ख्वाब बुने,
आँखों में जुनून और नया जज़्बा चुने,
थोड़ा घूमें, आज खुशियाँ ले चलें,
घुटन दूर अब सांस ले चलें,
सपनों भरी एक रात ले चलें,
उम्मीदों भरा जिंदगी का सफर |

                                        ritesham shastri(rapid code pvt ltd)
तकिये सी सीली- रात
रात तकिये सी सीली है बात, देर न कर
सहर होने को है ज़िंदगी, अब फेर न कर |
आईना तसव्वुर, महकते रहना बातों का,
हुआ कालिख सा काजल,अब देर न कर |
तेरी रहमत पे फिदा आज भी है दुनिया क़ाबिल,
वक्त भी थम सा गया साक़ी, अब टेर न कर ||

ritesham shastri(rapid code pvt Ltd)
If people are not able to do anything, they always throw the blame on unfavourable circumstances.
                                                                                                                                    ritesham shastri
We are the creators and creatures of each other, 
causing and bearing each other's burden.
                                                                         ritesham shastri
A child's mind is in its purest form and has no divisive tendencies. 
We should let it blossom to the fullest......what bout heart .."dil to bachha h ji