Thursday, 10 September 2015

Social Mention

चलो फिर शुरू करते हैं, ज़िंदगी का सफर,
वही तन्हा डगर,
(दृश्य १- अधूरापन )
पर ये अब पहले सी बेखबर न होगी,
यहाँ कुछ कर दिखने की फिक्र न होगी,
अब बस आंखे नम सी होंगी,
दम घुटा सा, सांस उलझी सी,
नींदें खाली सी, रातें काली सी,
दर-ब-दर जिंदगी का सफर |
(दृश्य १- ज़िंदादिली )
चलो फिर शुरू करते हैं, ज़िंदगी का सफर,
वही तन्हा डगर,
एक नया दिन, और नया ख्वाब बुने,
आँखों में जुनून और नया जज़्बा चुने,
थोड़ा घूमें, आज खुशियाँ ले चलें,
घुटन दूर अब सांस ले चलें,
सपनों भरी एक रात ले चलें,
उम्मीदों भरा जिंदगी का सफर |

                                        ritesham shastri(rapid code pvt ltd)

No comments:

Post a Comment