Thursday, 10 September 2015

Social Mention

जीवन स्वप्न / नदी गाथा है, सुनते चलो, सुनाते चलो !
मिले किनारा सुस्ता लो पल, पत्थर पानी बनाते चलो !!
लगेंगे सतरंगी मौसम सारे, गाते चलो, गवाते चलो !
सुख की धारा, दुख की धारा, बहते चलो, बहाते चलो !!
जीवन स्वप्न नदी गाथा है ...
कुछ किनारे मीत मिलेंगे, मीत- मन -प्रीत निभाते चलो !
स्वप्न के नायक स्वयं पाओगे, मन झूला-पींग बढ़ाते चलो !!
जीवन स्वप्न नदी गाथा है ...
नदी सा जीवन अविरल है, नैया खेते चलो, खिवाते चलो !
स्वप्न सा जीवन चंचल है, ख्वाब बुनते चलो, बनाते चलो !!
जीवन स्वप्न नदी गाथा है ...
जीवन यात्रा है समुद्र तक, पुण्य करो, पुण्य कराते चलो !
जीवन उलझन है सुबह तक, अंतहीन निद्रा सोओ, सुलाते चलो !!
जीवन स्वप्न नदी गाथा है 

ritesham shastri

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