तकिये सी सीली- रात
रात तकिये सी सीली है बात, देर न कर
सहर होने को है ज़िंदगी, अब फेर न कर |
सहर होने को है ज़िंदगी, अब फेर न कर |
आईना तसव्वुर, महकते रहना बातों का,
हुआ कालिख सा काजल,अब देर न कर |
हुआ कालिख सा काजल,अब देर न कर |
तेरी रहमत पे फिदा आज भी है दुनिया क़ाबिल,
वक्त भी थम सा गया साक़ी, अब टेर न कर ||
वक्त भी थम सा गया साक़ी, अब टेर न कर ||
ritesham shastri(rapid code pvt Ltd)
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