Thursday, 10 September 2015

Social Mention

गुमसुम हैं अँखियाँ, खोई हैं बतियाँ,
राह में तारे, सँजोये हैं रतियाँ,
जगमग है, रौशन है, ख़्वाब हमारे,
एक तुम आ जाओ तो, जी लूँ मैं सारे !
सागर की लहरों में, पानी तड़पता है,
पर्वत के झरने से, दिन रात बहता है,
आँखों का पानी ये, मोती तुम्हारे,
एक तुम आ जाओ तो, जी लूँ मैं सारे !
एक अनसुनी सी, ये घाटी है कहती,
चंचल सी इसमें, मयूरी है रहती,
सिली सी चादर है, पलकें बिसारे,
एक तुम आ जाओ तो, जी लूँ मैं सारे !
मेघा सुलघती, कोयल सी कहती,
कूके सुरीली, विरही सुबकती,
प्यारा सा बंधन है, बाहें पसारे,
एक तुम आ जाओ तो, जी लूँ मैं सारे ! 

ritesham shastri

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