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Thursday 8 December 2016

Har pal krta pareshan tu, aaj khamosh kyun hai,
Kuch to bol puchna tera dost mayus kyun hai,
Kabhi tu kosis Na kr, dosto ko parakhne ki
Na Jane haqikat banya krde, ek majak K baste

By Manjeet K. Singh mks

Monday 1 August 2016

mudato baad lote hai tere seher mein, ek tere alawa kuch na badala

bas ek ghadi ki haer faer hai galib, bas ek pal lagta hai naam badnaam hone mein

                                                                                    by
                                                                                                       mks


Tuesday 7 June 2016

कभी सीने से लगाती है
कभी माथे को सहलाती है
औलाद की ख़ुशी के लिए "‪माँ‬" झूला भी बन जाती है।।
"आखिर माँ तो माँ ही होती है! "
शेर-ओ-शायरी तो दिल बहलाने का जरिया है जनाब,
लफ़्ज़ कागज पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते.

Wednesday 1 June 2016

कद्र करना सिख लो....
न जिंदगी बार बार आती है न लोग...

Monday 30 May 2016

ज़िन्दगी को आसान बनाने के
दो ही तरीके हैं
या तो नज़रअंदाज़ कीजिये
या बर्दाश्त करना सीख लीजिए
समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान।..
कोई ‘हम’ में रह जाता है और..कोई ‘अहम’ मे
किसी को खुश करने का
मौका मिले तो खुदगर्ज ना बन जाना...
बड़े नसीब वाले होते है वो,
जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर...!
दूध का सार है मलाई मे......!
और
जिंदगी का सार है भलाई में.......!!
लेती नहीं दवाई "माँ",
जोड़े पाई-पाई "माँ"।

दुःख थे पर्वत, राई "माँ",
हारी नहीं लड़ाई "माँ"।

इस दुनियां में सब मैले हैं,
किस दुनियां से आई "माँ"।

दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,
गरमागर्म रजाई "माँ" ।

जब भी कोई रिश्ता उधड़े,
करती है तुरपाई "माँ" ।

बाबू जी तनख़ा लाये बस,
लेकिन बरक़त लाई "माँ"।

बाबूजी थे सख्त मगर ,
माखन और मलाई "माँ"।

बाबूजी के पाँव दबा कर
सब तीरथ हो आई "माँ"।

नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,
मां जी, मैया, माई, "माँ" ।

सभी साड़ियाँ छीज गई थीं,
मगर नहीं कह पाई "माँ" ।

घर में चूल्हे मत बाँटो रे,
देती रही दुहाई "माँ"।

बाबूजी बीमार पड़े जब,
साथ-साथ मुरझाई "माँ" ।

रोती है लेकिन छुप-छुप कर,
बड़े सब्र की जाई "माँ"।

लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,
रह गई एक तिहाई "माँ" ।

बेटी रहे ससुराल में खुश,
सब ज़ेवर दे आई "माँ"।

"माँ" से घर, घर लगता है,
घर में घुली, समाई "माँ" ।

बेटे की कुर्सी है ऊँची,
पर उसकी ऊँचाई "माँ" ।

दर्द बड़ा हो या छोटा हो,
याद हमेशा आई "माँ"।

घर के शगुन सभी "माँ" से,
है घर की शहनाई "माँ"।

सभी पराये हो जाते हैं,
होती नहीं पराई "माँ".

Thursday 26 May 2016

"दुनिया तो कह रही है कि वो भूल गया है'
उम्मीद कह रही है "तू इन्तज़ार कर
देते नहीं दाद .... कभी वो कलाम पे मेरे,
जुड़ न जाए कहीं नाम उनका नाम से मेरे
बेवजह ही पढ़ती हो तुम मेरी शायरी,
कभी मुझको पढ़ के देखना, भुला नही पाओगी
मैने तो वो खोया है.... जो मेरा कभी था ही नही,
पर उसने तो वो भी खो दिया, जो सिर्फ उसी का था
बड़ा अजीब है रिश्ता ,खुदा की मुहब्बत का ...
न उसने कैद किया और न हम फरार हो पाए
मुझे मेरा ये शौक मार डालेगा...
तुम्हें सोचना और खुद को भूल जाना...!!

Monday 23 May 2016

रुठने का हक हैं तुझे, पर वजह बताया कर...
खफा होना गलत नहीं, तू खता बताया कर.
कामयाब लोग " अपने फैसले " से दुनिया बदल देते हैं !! और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से "अपने फैसले " बदल लेते हैं !!"
कुचल कर चल दिये मेरे जज्बातों को
आरजू तो मेरी बस दो पल गुफ्तगू करने कि थी
बहुत परेशान करता है यह सवाल कि
हम मिले हि क्यु जब मिलना हि नहीं था